Steve Jobs Letter Auction:
Steve Jobs Letter Auction 50 साल पुराना पत्र, जिसमें उन्होंने कुंभ मेला जाने की इच्छा जताई थी, 4.32 करोड़ में नीलाम हुआ। जानें, कैसे उनकी पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने उनकी अधूरी इच्छा पूरी की।
स्टीव जॉब्स की भारत यात्रा और कुंभ मेले की ख्वाहिश
1974 में Apple के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने अपने दोस्त टिम ब्राउन को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत आने और कुंभ मेले में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, जॉब्स खुद कुंभ नहीं जा सके। Steve Jobs Letter Auction की हाल ही में 4.32 करोड़ रुपये में नीलामी हुई।
स्टीव जॉब्स ने यह पत्र अपने 19वें जन्मदिन से पहले लिखा था। इसमें उन्होंने न केवल भारत की यात्रा का जिक्र किया, बल्कि अपनी आत्मिक शांति और आध्यात्मिक विकास की खोज के बारे में भी बताया। इस पत्र का अंत उन्होंने “शांति” लिखकर किया, जो हिंदू दर्शन में शांति और सद्भाव का प्रतीक है।
भारत में स्टीव जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा
1974 में स्टीव जॉब्स भारत आए और उत्तराखंड के प्रसिद्ध नीम करौली बाबा के आश्रम की ओर रुख किया। हालांकि, बाबा का देहांत पहले ही हो चुका था, लेकिन जॉब्स ने कैंची धाम में रुककर उनकी शिक्षाओं को अपनाया।
भारत में उन्होंने 7 महीने बिताए, इस दौरान उनका व्यक्तित्व पूरी तरह से बदल गया। उनकी इस आध्यात्मिक यात्रा का प्रभाव उनकी जीवनशैली और आगे की पेशेवर सफलता में भी नजर आया। Apple की स्थापना और इसकी अनोखी दृष्टि के पीछे जॉब्स की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
पत्नी ने पूरी की स्टीव जॉब्स की अधूरी इच्छा
स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने उनके कुंभ मेले में जाने की इच्छा को पूरा करने का बीड़ा उठाया। हाल ही में वे महाकुंभ में शामिल हुईं। उन्होंने गंगा स्नान करने की योजना बनाई, हालांकि एलर्जी होने के बावजूद उन्होंने इस यात्रा को सफल बनाया।
पॉवेल जॉब्स के साथ 40 लोगों की एक टीम भी भारत आई थी। यह उनके पति की भारत के प्रति गहरी रुचि और आध्यात्मिकता के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
नीलामी में स्टीव जॉब्स का ऐतिहासिक पत्र
Steve Jobs Letter Auction Bonhams द्वारा नीलाम किया गया, जिसकी कीमत 4.32 करोड़ रुपये रही। यह पत्र न केवल उनकी भारत यात्रा की योजना को दर्शाता है, बल्कि उनके जीवन के उस दौर की झलक भी देता है जब वे अपनी पहचान और शांति की तलाश में थे।
निष्कर्ष
स्टीव जॉब्स की यह यात्रा और उनका पत्र यह साबित करता है कि उनकी सफलता का आधार उनकी आध्यात्मिक सोच और जीवन के गहरे अर्थ को समझने की खोज थी। आज भी उनके विचार और जीवन से जुड़ी कहानियां हमें प्रेरणा देती हैं।
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