Type 2 Diabetes:
आजकल लोगोकी लाइफस्टाइल के वजह से ज्यादातर लोग diabetes का शिकार हो रहे हे ,और जिसे diabetes हो जाता हे उसे बहोत नियमों का पालन करना पड़ता हे उसे नियंत्रित रखने के लिए ,तो आज हम आपको बताएँगे आसान तरीकों से आप diabetes को नियंत्रित रख सकते हो.
Type 2 Diabetes :
एक दीर्घकालिक स्थिति हे जो शरीर के ग्लूकोज उपयोग को प्रभावित करती हे, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता हे और संभावित स्वास्थ्य की समस्या बढ़ जाती हे.
Type 2 Diabetes एक दीर्घकालिक बीमारी हे जो शरीर द्वारा ग्लूकोज का उपयोग करने के तरीके को बदल देती हे.
Type 2 Diabetes के लिए आपको स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद लिए मानक जीवनशैली में बदलाव बहोत ज़रूरी हे हे.
जीवन की अच्छी गुणवत्ता बनाए रखने और समस्याएं बढने से रोकने के लिए और उचित चिकित्सा की आवश्यकता होती हे. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए यहां कुछ प्राकृतिक तरीके दिए गए हे:
इन्सुलिन( Insulin -भोजन की अवस्था के दौरान सूक्ष्म पोषक तत्वों के स्तर को संतुलित करके शरीर की ऊर्जा आपूर्ति को विनियमित करना तैयार न होना ) ,
शरीर में काम बनना या उसका सही तरीके से इस्तेमाल न होना ये एक मुख्य कारन हो सकता हे.
ऊंचा रक्त शर्करा स्तर, जो समय के साथ कई समस्याओं को जन्म दे सकता हे.
हृदय रोग, गुर्दे की समस्याएं और दृश्य संबंधी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ
समस्या. मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, उम्र और आनुवंशिकता इस प्रकार के जोखिम कारक हे.
Type 2 Diabetes स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद लिए मानक जीवनशैली में बदलाव बहोत ज़रूरी हे हे. जीवन की अच्छी गुणवत्ता बनाए रखने और समस्याएं बढने से रोकने के लिए और उचित चिकित्सा की आवश्यकता होती हे.
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए यहां कुछ प्राकृतिक तरीके दिए गए हे:
1.व्यायाम:
जिनको Diabetes हे उनको व्यायाम बहोत ही ज़रूरी हे ,इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को सक्रिय रूप से नियंत्रित करें.
अपने एरोबिक आहार के हिस्से के रूप में प्रतिदिन 30 मिनट तक मध्यम परिश्रम वाला व्यायाम, जैसे चलना, नृत्य करना, तैरना या बाइक चलाना, करने का लक्ष्य रखें.
2. एलोवेरा जूस पिएं:
प्रीडायबिटीज और अनुपचारित मधुमेह के रोगियों को वजन में कमी, हीमोग्लोबिन एआईसी स्तर और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार देखकर एलोवेरा से लाभ हो सकता हे.
3.पर्याप्त नींद लेना:
खराब नींद की आदतों से रक्त शर्करा का स्तर, इंसुलिन संवेदनशीलता और भूख सभी प्रभावित हो सकते हे.
हर दिन पर्याप्त नींद लेना जरूरी हे क्योंकि जो लोग नींद से वंचित हे वे वृद्धि हार्मोन और कोर्टिसोल जारी करते हे, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हे.
4.अधिक फाइबर खाएं:
प्रतिदिन 25-30 ग्राम फाइबर, जैसे दलिया, खाने से रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता हे, बस धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएँ
5.हाइड्रेटेड रहना न भूलें:
प्रतिदिन पानी पीने से अतिरिक्त शर्करा को मूत्र के माध्यम से बाहर निकलने की अनुमति देकर हाइपरग्लेसेमिया, उच्च रक्त शर्करा और मधुमेह का खतरा कम हो जाता हे. ज्यादा से ज्यादा पानी पिए.
6.अतिरिक्त वजन कम करें:
वजन कम करने से मधुमेह का खतरा कम हो जाता हे. एक बड़े अध्ययन में व्यायाम और आहार में बदलाव के साथ अपने शरीर का लगभग 7% वजन कम करने के बाद लोगों में मधुमेह विकसित होने का खतरा लगभग 60% कम हो गया.
WHO की सलाह हे कि बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए प्रीडायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने शरीर का वजन कम से कम 7% से 10% तक कम करना चाहिए. अधिक वजन घटाने से और भी अधिक लाभ होंगे.
अपने वर्तमान शरीर के वजन के आधार पर वजन घटाने का लक्ष्य निर्धारित करें. उचित अल्पकालिक लक्ष्यों और अपेक्षाओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें, जैसे कि प्रति सप्ताह 1 से 2 kg वजन कम करना.
7.धूम्रपान बंद करें:
Diabetes के रुग्ण को धूम्रपान बंद करना चाहिए इससे रक्त शर्करा तेजी से बढ़ जाती हे, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखना मुश्किल हो जाता हे.
इससे व्यक्ति में गुर्दे की बीमारी और तंत्रिका क्षति जैसी मधुमेह की जटिलताओं के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती हे.
8.तनाव का प्रबंधन करो:
2019 के शोध से पता चलता हे कि हालांकि तनाव टाइप 2 मधुमेह का कारण नहीं हे, लेकिन यह इसे खराब कर सकता हे. तनाव हार्मोन के स्राव को उत्तेजित करता हे जो रक्त शर्करा पैदा करने में बाधा डालता हे.
इससे व्यक्ति के ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की संभावना बढ़ जाती हे जो रक्त शर्करा को प्रबंधित करना अधिक कठिन बना देती हे, जैसे कि अधिक मात्रा में खाना और धूम्रपान करना.
45 वर्ष से कम उम्र के लोग जो अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हे और उनमें मधुमेह से जुड़े एक या अधिक जोखिम कारक हे:Type 2 Diabetes
जिन महिलाओं को गर्भकालीन मधुमेह (gestational diabetes – प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज होना ) हुआ हो,
जिन लोगों में प्रीडायबिटीज का निदान किया गया हे,
जो बच्चे अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हे और जिनके परिवार में Type 2 Diabetes अनुवांशिक हे.