Heart Attack का मुख्य कारण:
कोरोना के बाद दिल के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी
कोरोना महामारी के बाद से कानपुर में Heart Attack के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। राजकीय हार्ट सेंटर, जो पहले प्रतिदिन लगभग 700 से 800 मरीजों को देखता था, अब वहां हर रोज 1500 से अधिक मरीजों का आना आम हो गया है। महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम, बढ़ता मानसिक तनाव और नशे की आदतें इन बढ़ते मरीजों की मुख्य वजहों में से एक मानी जा रही हैं।
वर्क फ्रॉम होम से बढ़ी दिल की बीमारियाँ
कोरोना के दौरान जब लोगों को ऑफिस जाने के बजाय घर से काम करने की सलाह दी गई, तब वर्क फ्रॉम होम एक आवश्यक कदम था। हालांकि, यह कदम Heart Attack के मरीजों के लिए एक बड़ा जोखिम बन गया है। डॉक्टरों का मानना है कि घर से काम करने की वजह से लोगों की शारीरिक गतिविधियाँ बेहद कम हो गईं, और इसने दिल के रोगों के खतरे को बढ़ा दिया है।
वर्क फ्रॉम होम के चलते लोगों की जीवनशैली में बड़े बदलाव देखने को मिले। पहले जहां लोग ऑफिस जाने के लिए चलते थे, अब घर पर बैठकर लगातार काम करते रहने से शारीरिक गतिविधियों की कमी हो गई। इसके अलावा, सैलरी में कटौती और नौकरियों का संकट लोगों में मानसिक तनाव को बढ़ा रहा है। इन दोनों कारकों ने मिलकर दिल की बीमारियों का खतरा दोगुना कर दिया है।
नशे की आदतों ने बढ़ाया Heart Attack का खतरा
डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना के बाद आर्थिक संकट और वर्क फ्रॉम होम के कारण मानसिक तनाव बढ़ने से कई लोग नशे की आदतों की तरफ बढ़े हैं। घर से काम करते समय कई लोगों ने सिगरेट और शराब का सेवन बढ़ा दिया, जो दिल की नसों को कमजोर कर रहा है। इससे ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
व्यायाम की कमी भी एक बड़ा कारण
वर्क फ्रॉम होम की वजह से न केवल लोगों की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गईं, बल्कि व्यायाम करने की आदत भी छूट गई। ऑफिस जाने के समय लोग थोड़ी बहुत शारीरिक गतिविधि कर लिया करते थे, लेकिन अब घर पर लगातार बैठे रहने से दिल की सेहत पर इसका सीधा असर पड़ा है। व्यायाम की कमी से शरीर में फैट बढ़ता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी बढ़ जाता है, जो दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण है।
खराब आहार और अनियमित दिनचर्या
अधिकांश Heart Attack के मरीजों में एक सामान्य बात पाई गई है कि उनके आहार में पोषक तत्वों की भारी कमी है। महामारी के बाद कई लोग सही और संतुलित भोजन नहीं कर पा रहे हैं, जिससे शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल रहा है। विशेष रूप से 25 से 50 साल की उम्र के लोग इस समस्या का अधिक सामना कर रहे हैं। खराब आहार और अनियमित दिनचर्या ने दिल की बीमारियों का खतरा और भी बढ़ा दिया है।
डॉक्टरों के सुझाव: कैसे बचें दिल की बीमारियों से
राजकीय हार्ट सेंटर के निदेशक, डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है। इसके लिए उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
- व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें: नियमित रूप से व्यायाम करने से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। डॉक्टर वर्मा का कहना है कि रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि दिल की सेहत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
- नशे से बचें: सिगरेट और शराब का सेवन हार्ट की नसों को कमजोर करता है। इसलिए नशे की आदतों से दूर रहना बेहद जरूरी है।
- संतुलित आहार लें: अपने आहार में हरी सब्जियाँ, फल, प्रोटीन और स्वस्थ फैट्स को शामिल करें। इससे शरीर को आवश्यक पोषण मिलेगा और दिल स्वस्थ रहेगा।
- मानसिक तनाव को कम करें: तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और योगा का सहारा लें। मानसिक तनाव दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण होता है, इसलिए इसका ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
- रूटीन में बदलाव करें: घर से काम करते समय भी छोटे-छोटे ब्रेक लेकर थोड़ी शारीरिक गतिविधि करें। इससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम होगा।
कोरोना काल के बाद Heart Attack की बीमारियों में इजाफा चिंता का विषय है। वर्क फ्रॉम होम और मानसिक तनाव ने इन बीमारियों को बढ़ावा दिया है। हालांकि, सही जीवनशैली और स्वस्थ आदतों को अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। व्यायाम, संतुलित आहार और तनावमुक्त जीवनशैली दिल की बीमारियों से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
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