Buddha Purnima 2024: भगवान बुद्ध के ऐसे विचार,जो बदल देंगे आपकी जिंदगी

Buddha Purnima 2024:

भगवान बुद्ध नाम आते ही सबसे पहले हमारा मन शांत हो जाता हे. जब हम निराश होते हे, हमारे जीवन में कोई समस्या आती हे और हमें कुछ पता नहीं होता इस परिस्थिति को कैसे हेडल करे तो हमें याद आते हे भगवान बुद्ध के विचार,आज हम आपको इस लेख में बताएँगे भगवन बुद्धा के विचार जिसे आजमाकर आप अपने जीवन को बदल सकते हे.

भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी ऐसी कई सारी बातें हे जो जिंदगी पूरी तरह से बदला जाता हे, भगवान बुद्ध ने अपने विचारो को किसी विशिष्ट धर्म के लिए ही सिमित नहीं रखा इन विचारोंको उन्होंने हर धर्म के लिए सामान रखा हे.

इस साल 23 मई को Buddha Purnima का पर्व मनाया जा रहा हे. आप भी सीख सकते हे उनसे जिंदगी जीने के सबक.

Buddha Purnima

Buddha Purnima 2024:

इस साल Buddha Purnima का पर्व 23 मई को मनाया जा रहा हे. बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता हे. इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था.

भगवान बुद्ध के विचारों ने मनुष्य को कई रास्ते खुले कर दिए त्याग, अहिंसा, करुणा व मित्रता का संदेश देकर भगवान बुद्ध ने मानव समाज को सार्थक जीवन जीने की पूंजी दी. उनके विचारों को जिंदगी में उतार कर कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता हे.

भगवान बुद्ध के विचार : Buddha Purnima

1.वर्तमान का विचार करे :

मनुष्य को आदत रहती हे या तो बीती हुइ बातों को लेकर परेशां रहे नहीं तो आनेवाले कल का विचार करके परेशां हो ,गौतम बुद्ध ने कहा था हर इंसान को वर्तमान में जीने की आदत डालनी चाहिए.

इससे उलझन कम होती हे. नई चीजों पर काम करने का उत्साह रहता हे. जो बीत गया उसे लेकर परेशान न रहें और न ही भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित.

भगवान बुद्ध ने कहा था जो हे अभी हे कल की परवाह मत करो,कल किसने देखा हे क्या होगा, वर्तमान में जो चीजें हे उसे लेकर खुश रहें.

Buddha Purnima

2.क्रोध न करे और किसी का दिल न दुखाये : Buddha Purnima

क्रोध से कुछ हासिल नहीं होता ,क्रोध से केवल बदले की भावना उत्पन्न होती हे ,क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन हे. गुस्से में कही गई चीजों का बाद में सिर्फ और सिर्फ पछतावा होता हे.

क्रोध करने से बनते काम भी बिगड़ जातेे हे. मन को शांत रखें और दिल में प्यार का भाव. इसके अलावा कभी भी ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी को ठेस पहुंचें.

हर एक मनुष्य अलग हे,उसके कर्म अलग हे,इसलिए उसके पास जो हे वो आपके पास नहीं हे इसीलिए किसी पर निर्भर न रहें और दूसरों से अपनी तुलना करने से बचें.

3.बड़ी बड़ी बातें न करे : Buddha Purnima

कुछ लोगोंकी आदत होती हे खुद तो कुछ कर नहीं पते लेकिन बड़ी-बड़ी बातों से दूसरे को इंप्रेस और खुद को ज्ञानी साबित करने की कोशिश करते रहते हे.

सबसे अजीब बात कि उस ज्ञान पर खुद अमल नहीं करते. ये एटीट्यूड बहुत ही गलत हे. ऐसे व्यक्ति को कोई सम्मान नहीं करता. बड़े बोल बोलने की जगह कम पर ध्यान दें क्योंकि लोग इसी से आपका सम्मान करते हे.

असलियत में ज्ञानी हे वो बहोत काम बाटे करते हे ,बड़ी बड़ी बाटे बोलकर दिखावा नहीं करते.

4.दूसरों की मदत करे : Buddha Purnima

अपने ज़िन्दगी में कभी न कभी अनुभव किया होगा दुसरो की मदत करने से अलग ही सुकून मिलता हे. कभी किसी का दुख बांट लेने से, जरूरतमंद की मदद करना अलग ही आनद देता हे.

दयालु स्वभाव दूसरों के साथ आपकी खुद की जिंदगी को भी बेहतर बनाता हे. इसके साथ ही जीवन में आभारी रहना सीखें. आपके पास जो चीजें मौजूद हे उसके प्रति आभारी रहें. चिंता, घृणा और ईर्ष्या से बचकर रहना चाहिए.

यह भी पढ़े :Smartphone Side Effects: हद से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हो तो, हो सकते हो इन बीमारियों का शिकार, जानिए कैसे कर सकते हे बचाव

5.सकारात्मक सोचना चाहिए : Buddha Purnima

बुद्ध का कहना था कि जैसी आपकी सोच होगी, वैसा ही आपके साथ होगा. इसलिए जिंदगी में सकारात्मक रहें. नकारात्मक सोच तनाव बढ़ाने के साथ और भी कई तरीकों से आपकी जिंदगी को प्रभावित करती हे.

ये बहोत बड़ी बात हे सिर्फ विचारोंको सकारात्मक बनाने से आप की ज़िंदगी बदल सकती हे.

Buddha Purnima

भगवान बुद्ध के शिकवण: Buddha Purnima

  • ख़ुशी का कोई रास्ता नहीं हे, खुश रहना ही आपस में एक रास्ता दिखता हे.
  • पीड़ा निश्चित हे, पीड़ा वैकल्पिक हे: गौतम बुद्ध
  • तीन चीजें अधिक समय तक छिप नहीं सकतीं: चंद्रमा, सूर्य और सत्य
  • मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थ्य का रहस्य न तो अतीत के लिए शोक करना हे और न ही भविष्य के बारे में चिंता करना हे, बल्कि वर्तमान क्षण को बुद्धिमानी और ईमानदारी से जीना हे.
  • शांति भीतर से आती हे. इसके बिना इसकी तलाश मत करो
  • तेरे क्रोध के लिये तुझे दण्ड न मिलेगा; तुम्हें अपने क्रोध से दण्ड मिलेगा
  • कोई भी चीज आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकती, जितना कि आपके खुद के बेपरवाह विचार
  • सत्यवाणी ही अमृतवाणी हे, सत्यवाणी ही सनातन धर्म हे. सत्य, सदर्थ और सधर्म पर संतजन सदैव दृढ़ रहते हे.
  • झूठ नरकगामी होते हे और वे भी नरक में जाते हे.
  • जिसे जान-बूझकर झूठ बोलने में लज्जा नहीं, उसका साधुपना औंधे घड़े के समान हे. साधुता की एक बूंद भी उसके हृदय-घट के अंदर नहीं हे.
  • सभा में, परिषद में अथवा एकांत में किसी से झूठ न बोलें. झूठ बोलने के लिए दूसरों को प्रेरित न करें और न झूठ बोलने वाले को न प्रोत्साहन दें. असत्य का सर्वांश में परित्याग कर देना चाहिए.
  • जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा हे कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो. फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता.
  • हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द हे जो शांति लाएं.
  • संतोष सबसे बड़ा धन हे, वफादारी सबसे बड़ा संबंध हे और स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार हे.
  • आपको अगर मोक्ष पाना हे तो खुद ही मेहनत करनी होगी, दूसरों पर निर्भर मत रहिए.
  • हम जब भी क्रोधित होते हे सच का मार्ग छोड़ देते हे.

Leave a Comment