एक ब्रिटिश वेबसाइट हे “डेली मेल” उसमे एक रिसर्च के ऊपर एक आर्टिकल छापा था,वो स्टडी ऐसा था जेनरेशन Gen Z (1997-2012 के बीच जन्में लोग) और अल्फा के दिमाग का साइज आज से 100 साल पहले पैदा हुए लोगों के मुकाबले बढ़ गया हे.
लेकिन आज के पीढ़ी के लोगोका युवा पीढ़ी के IQ स्कोर में भी बहोत काम हे. यह स्टडी अमेरिका स्थित ‘कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी’ की ओर से की गई हे.
1930 के दशक से ह्यूमन ब्रेनके आकार काम हुआ हे, पिछले 50 वर्षों में लगभग 7 % की गिरावट हुई हे.
Gen Z (1997-2012 के बीच जन्में लोग)के पहले के लोगो का ब्रेन साइज काम हुआ करता था इसलिए उनमे अल्जाइमर का खतरा रहता था, पर Gen Z के लोगो का मस्तिष्क का आकार बढ़ गया हे इससे Gen Z कोअल्जाइमर का खतरा कम हो सकता हे.
Gen Z ह्यूमन ब्रेन का साइज बढ़ा:
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी) डेविस हेल्थ के साइंटिस्ट ने स्टडी किया हे 1930 से 1970 के दशक में पैदा हुए लोगों के मस्तिष्क के विभिन्न आकारों का स्टडी किया, जिसमें पाया गया कि साइलेंट जेनरेशन की तुलना में Gen X के दिमाग में 6.6 % की गिरावट हुई हे.
स्टडी के अनुसार पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, हेल्थ और शिक्षामें बदल कारण हो सकता हे. वहीं इससे इन Gen Z लोगों में उम्र संबंधी डिमेंशिया के खतरे को भी कम किया जा सकता हे.
युवाओं में बेहद कम हे IQ स्कोर स्टडी में यह भी सामने आया कि हाल ही के दशकों में युवा पीढ़ी के IQ स्कोर में काफी गिरावट आई हे. शोधकर्ताओं ने इसका कारण फोन और इंटरनेट पर अत्यधिक निर्भरता को बताया हे.
रिसर्च के मुताबिक इंसान के ब्रेन का साइज उसकी बुद्धिमता पर ज्यादा असर नहीं डालता हे. इन दोनों के बीच सिर्फ थोड़ा सा ही रिश्ता हे. ‘साइकोलॉजी टुडे’ के मुताबिक न्यूरोसाइंटिस्ट ने भी पाया हे कि ब्रेन का एक्स्ट्रा वजन हमारी इंटेलिजेंस पर सिर्फ थोड़ा सा ही असर डालता हे, हालांकि यह हमारे ब्रेन में ज्यादा मेमोरी स्टोर करने में मदद कर सकता हे.
नया अध्ययन 75 वर्षों में किया गया और पाया गया कि 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में 1970 के दशक में लोगों का मस्तिष्क लगातार 6.6 प्रतिशत बढ़ गया.
आज की पीढ़ी के दिमाग का आयतन लगभग 1,400 मिलीलीटर हे, लेकिन 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों के मस्तिष्क का औसत आयतन 1,234 मिलीलीटर था.
शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिक शैक्षिक उपलब्धियां और चिकित्सा मुद्दों के बेहतर प्रबंधन जैसे कारक यह बता सकते हैं कि दशकों से लोगों का दिमाग क्यों विकसित हुआ हे.
इस स्टडी का महत्व:
– स्टडी का उद्दिष्ट :
यह स्टडी 75 वर्षों के दौरान किया गया था और इसका उद्देश्य था कि 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में 1970 के दशक में लोगों के मस्तिष्क का आकार कैसे बदला हे.
– ब्रेन की साइज :
आज की पीढ़ी Gen Z के दिमाग का आयतन लगभग 1,400 मिलीलीटर हे, जबकि 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों के मस्तिष्क का औसत आयतन 1,234 मिलीलीटर था.
– कारक:
शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिक शैक्षिक उपलब्धियां और चिकित्सा मुद्दों के बेहतर प्रबंधन जैसे कारक यह बता सकते हैं कि दशकों से लोगों का दिमाग क्यों विकसित हुआ हे.
– स्टडी की प्रोसेस :
शोधकर्ताओं ने 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों के हृदय और अन्य बीमारियों के पैटर्न को देखा और मूल 5,200 प्रतिभागियों में से दूसरी और तीसरी पीढ़ी के लोगों के एमआरआई परीक्षण (मस्तिष्क चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग) की शुरुआत की.
– स्टडी के परिणाम:
एमआरआई 1930 से 1970 के दशक में पैदा हुए लोगों पर 1999 और 2019 के बीच आयोजित किए गए थे, जिसमें 57 वर्ष की औसत आयु वाले 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल थे.
ब्रेन के आकार में बदलाव:
यह अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण हे, जिसमें 75 सालों के दौरान किया गया और पाया गया कि 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में 1970 के दशक में जन्में लोगों के ब्रेन का आकार 6.6 प्रतिशत बढ़ गया हे.
आज की पीढ़ी Gen Z ब्रेन का साइज लगभग 1,400 मिलीलीटर हे, जबकि 1930 के दशक में पैदा हुए लोगों के दिमाग का साइज 1,234 मिलीलीटर था. शिक्षा और हेल्थ के क्षेत्र में हुए विकास के जरिए ही पता लगाया जा सकता हे कि इन सालों में आखिर ऐसा क्यों हुआ हे.
एक 2024 को स्टडी हुआ था जिसमे ये साबित हुआ था की COVID-19 के दर से ब्रेन की स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता हे.
यहां कुछ महत्वपूर्ण अध्ययनों की जानकारी हे जो दर्ज करते हैं कि COVID-19 ब्रेन स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालता हे:
1.कोगनिटिव घातक सोचने की क्षमता :
बड़े जनसंख्या विश्लेषणों ने दिखाया कि COVID-19 से प्रभावित होने वाले लोगों को स्मृति समस्याओं जैसे कोगनिटिव घातक का खतरा होता हे.
2.इमेजिंग अध्ययन:
COVID-19 से पहले और बाद में लोगों के ब्रेन के आकार में कमी और बदले हुए ब्रेन संरचना की छवियों में छोटा दिखाई देता हे.
3.इन्फ्लेमेशन और ब्रेन आयु:
मध्यम और हलके COVID-19 से प्रभावित होने वाले लोगों में ब्रेन की लंबी अवधि तक शोथ और 7 वर्ष के ब्रेन आयु के समान परिवर्तन दिखाई दिया.
4.गंभीर COVID-19 के प्रभाव:
अस्पताल में भर्ती होने वाले गंभीर COVID-19 से प्रभावित होने वाले लोगों में 20 वर्ष के ब्रेन आयु के समान कोगनिटिव घातक और अन्य ब्रेन क्षति हो सकती हे.
इस स्टडी से हमें यह समझ में आता हे की दशकों से लोगों का मस्तिष्क कैसे विकसित हुआ हे और कैसे Gen Z पर इसका असर हुआ हे.
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