Surya Grahan 2024:
2 अक्टूबर 2024 को लगने वाला Surya Grahan भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, अर्जेंटीना, अंटार्कटिका, उरुग्वे, होनोलूलू, आर्कटिक, प्रशांत महासागर, पेरी, चिली और आइसलैंड के उत्तरी हिस्सों में दिखाई देगा।
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ToggleSurya Grahan का समय और अवधि:
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी के अनुसार, ग्रहण रात 9:13 बजे (IST) शुरू होगा और 3 अक्टूबर 2024 की सुबह 3:17 बजे (IST) समाप्त होगा। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे और 4 मिनट की होगी। यह ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में घटित होगा।
ज्योतिषीय महत्त्व:
आचार्य एसएस नागपाल के अनुसार, इस दिन सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध और केतु उपस्थित होंगे, और उन पर गुरु और मंगल की दृष्टि भी रहेगी। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, इस ग्रहण का विशेष प्रभाव उन क्षेत्रों पर पड़ेगा जहां यह देखा जा सकेगा।
पितृ अमावस्या और नवरात्रि:
इस दिन पितृ अमावस्या भी है, जो पितरों के विसर्जन का विशेष दिन होता है। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि पितृ विसर्जन के सभी कार्य ग्रहण से पहले ही पूरे कर लेने चाहिए, क्योंकि अगले दिन से नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस अवसर पर मंदिरों को सजाने का काम भी शुरू हो जाएगा।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियाँ:
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि इस समय कपड़े काटने, सिलने या ऐसे अन्य कार्यों से बचना चाहिए। हालाँकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर भोजन संबंधी रोक लागू नहीं होती, फिर भी गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान विशेष रूप से सतर्क रहें।
सूतक काल का प्रभाव:
सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण समाप्त होने तक रहता है, लेकिन यह केवल उन्हीं क्षेत्रों में मान्य होता है जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। भारत में ग्रहण न दिखने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा, और मंदिरों में सामान्य रूप से पूजा-पाठ जारी रहेगा।
इस प्रकार, 2 अक्टूबर 2024 का Surya Grahan भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं डालेगा, लेकिन जिन क्षेत्रों में यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां से जुड़े सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
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